मानव श्रम मुक्त कृषि मे उन्नत तकनीकों का उपयोग

मानव श्रम मुक्त कृषि या स्वचालित कृषि में उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है ताकि कृषि कामों में मानव श्रम की जरूरत को कम किया जा सके। यहां कुछ मुख्य तकनीक और प्रणालियाँ हैं जिन्हें इस समस्या को कम करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है जैसे 1) रोबोटिक्स और स्वचालन, 2) नियंत्रित परिस्थितियों में उगाई 3) ड्रोन और सेंसिंग टेक्नोलॉजी, 4) AI और डेटा विश्लेषण, 5) IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आदि।

कृषि मे उन्नत तकनीक
कृषि मे उन्नत तकनीक


ये तकनीकें भविष्य में काफी महत्वपूर्ण होंगी क्योंकि ये ऐसे कई क्षेत्रों में लोगों की दैनिक और आपातकालीन श्रम की आवश्यकताओं को कम करने में मदद करेंगी। जिन्हें नीचे और विस्तार से समझाया गया है।


A) स्वचालित और रोबोटिक्स


क्षेत्रीय रोबोट:

  • स्वत: चालित ट्रैक्टर और हार्वेस्टर: जॉन डीयर ने एक स्वायत्त ट्रैक्टर विकसित किया है जो बिना मानव हस्तक्षेप के खेतों की जुताई, बुवाई और कटाई कर सकता है। इसमें जीपीएस, सेंसर और एआई का उपयोग होता है, जो इसे सटीकता के साथ खेतों में नेविगेट करने की अनुमति देता है।
  •  खरपतवार रोबोट: "EcoRobotix" सौर ऊर्जा संचालित खरपतवार हटाने वाला रोबोट है, जो कम्प्यूटर विजन का उपयोग करके खरपतवार की पहचान करता है और उन्हें हटाता है, जिससे हाथ से खरपतवार हटाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

ड्रोन:

  • फसल मॉनिटरिंग:  DJI के Agras ड्रोन बड़े खेतों का तेजी से सर्वेक्षण कर सकते हैं, फसल स्वास्थ्य, मिट्टी की स्थिति और सिंचाई की आवश्यकताओं पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन की छवियां और डेटा कैप्चर कर सकते हैं। इस डेटा को प्रोसेस करके किसानों को उपयोगी जानकारी दी जाती है।
  • सटीक छिड़काव: ये ड्रोन निश्चित रूप से उर्वरक, कीटनाशक, या पानी छींट सकते हैं, जिससे संसाधनों का उपयोग अनुकूलित होता है और श्रम की आवश्यकता कम होती है। जैसे यामाहा का RMAX ड्रोन सटीक रूप से फसलों पर खाद और कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है, जिससे संसाधनों का उपयोग प्रभावी रूप से होता है और पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।


B) इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और स्मार्ट सेंसर


मृदा और फसल संवेदक:

  • मृदा नमी संवेदक: ये संवेदक वास्तविक समय में मृदा की नमी स्तर को निरंतर निगरानी करते हैं ताकि सिंचाई की समय-समय पर ठीक से नियंत्रण किया जा सके, जैसे "Netafim" प्रणाली, जो मृदा की नमी को सटीक रूप से मापती है। इससे पौधों को सही मात्रा में पानी मिलता है, जिससे पानी की बर्बादी कम होती है और फसल की उपज बढ़ती है।
  • पोषक तत्व संवेदक: ये संवेदक मृदा में पोषक तत्वों के स्तर को मापते हैं ताकि उर्वरकीकरण का सही उपयोग किया जा सके। उदाहरण के लिए, "SoilOptix" प्रणाली मृदा में पोषक तत्वों के स्तर को मैप करती है, जिससे उर्वरकीकरण की अनुकूलित समय-सारणी बनाई जा सकती है और पौधों को सही समय पर आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हैं।

पर्यावरणीय संवेदक:

  • मौसम स्टेशन: ये स्टेशन स्थानीय मौसम की स्थिति को निरीक्षण करते हैं ताकि बुआई, सिंचाई, और कटाई जैसे कार्यों के लिए डेटा पर आधारित निर्णय लिए जा सकें।


C) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग


पूर्वानुमानी विश्लेषण: 

  • उत्पादन पूर्वानुमान: AI मॉडल ऐतिहासिक डेटा और वर्तमान स्थितियों के आधार पर फसल की उत्पादन की पूर्वानुमान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आईबीएम का वॉटसन (Watson Decision Platform) निर्णय प्लेटफ़ॉर्म कृषि के लिए मौसम डेटा, मिट्टी की स्थिति, और फसल स्वास्थ्य का विश्लेषण करता है और फसल उत्पादन की भविष्यवाणी करता है, साथ ही बुवाई और कटाई के लिए सर्वोत्तम समय की सलाह भी देता है।
  • रोग और कीटनाशक पहचान: मशीन लर्निंग एल्गोरिदम (Algorithm) डेटा संवेदक और छवियों की विश्लेषण करके समय-से-समय रोग या कीट पर पहले से ही जांच कर सकते हैं। जैसे "Plantix" ऐप एआई का उपयोग करके पौधों के रोगों और कीटों का निदान करता है। किसान स्मार्टफोन से फोटो लेकर तत्काल समाधान प्राप्त कर सकते हैं।


D) जेनेटिक इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी

रोग-प्रतिरोधी फसलें:

  • रोग-प्रतिरोधी फसले
    रोग-प्रतिरोधी फसले
    रोग-प्रतिरोधी फसलें: जीनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म (जीएमओ), इस तकनीक के माध्यम से फसलें इंजीनियर की जाती हैं ताकि वे कुछ विशेष कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधी बनें, जिससे व्यापक कीटनाशक उपयोग और मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता कम हो। मॉन्सैंटो (अब बायर का हिस्सा) जैसी कंपनियां इस प्रकार की जीनेटिकली मॉडिफाइड फसलें विकसित करती हैं।
  • उच्च उत्पादन विविधताएं: इस तकनीक के माध्यम से फसलें इंजीनियर की जाती हैं ताकि उनमें अधिक उत्पादकता हो सके, जिससे एक ही उत्पादन के लिए भूमि और श्रम की आवश्यकता कम होती है। "गोल्डन राइस" जैसे परियोजनाएं ऐसी धान की किस्में विकसित कर रही हैं जो उच्च उत्पादकता वाली हों और बेहतर पोषण सामग्री से युक्त हों, जिससे खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी समस्याओं का समाधान हो सके।

ऊपर बताई गई तकनीकों और डेटा का उपयोग करने के लिए अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म हैं।

A) हाइड्रोपोनिक्स और वर्टिकल फार्मिंग

हाइड्रोपोनिक्स:

  • भूमिहीन उगाई: पौधे पोषक युक्त जल में उगाए जाते हैं, जिससे पारंपरिक मिट्टी की तैयारी और रखरखाव की जरूरत नहीं होती।

ऊर्ध्वाधारित कृषि:

  • इंडोर फार्मिंग: इसमें फसलों को नियंत्रित इंडोर माहौल में स्टैक्ड लेयर्स में उगाया जाता है, जिसे रोबोटिक्स और आईओटी से संयंत्रित किया जा सकता है।

Example: - AeroFarms, Plenty.


इन तकनीकों को एक साथ मिलाकर, श्रम मुक्त कृषि वास्तविकता में बदल सकती है। इससे कृषि की कार्यक्षमता में सुधार होगा, श्रम लागतें कम होंगी, और फसल की उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। लेकिन इसे लागू करने और इन प्रणालियों को संचालित रखने के लिए महत्वपूर्ण निवेश और तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।


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