गाय गोबर का पेंट क्यो और कैसे बनाये?

अगर आप ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखते हैं तो आपने घर की दीवारों में गाय के गोबर का इस्तेमाल जरूर देखा होगा। यह दीवार की दरारों को भरने और फंगस और किट को दुर रखने का पारंपरिक तरीका है। इस प्रक्रिया में मिट्टी के साथ-साथ मवेशियों (गाय, भैंस) के गोबर का उपयोग किया जाता है।
लेकिन आजकल हम रासायनिक मिश्रित पेंट का उपयोग कर रहे हैं जो विषैला वातावरण बनाता जा रहा है। वही लेड पेंट बहुत जहरीला होता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। जिसमे 

गाय गोबर पेन्ट
गाय गोबर पेन्ट
  • अल्पकालिक दुष्प्रभाव:- आंख, नाक या गले में जलन,सिरदर्द,चक्कर आना या हल्का-हल्का महसूस करना,जी मिचलाना,सांस लेने में दिक्क्त आदि। 
  • दीर्घकालिक दुष्प्रभाव:- तंत्रिका प्रणाली,यकृत,गुर्दा आदि है।
उपरोक्त बिन्दुओं से आप यह जान गए होंगे कि स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए गाय के गोबर का पेंट क्यों अच्छा है।

आप घर पर गाय के गोबर से पेंट कैसे बना सकते हैं?

गोमूत्र, चूना और गोबर पेंट के मुख्य घटक हैं, जिन्हें निम्नलिखित प्रक्रिया में आवश्यकता के अनुसार एक साथ मिलाया जाता है:
  1. गाय गोबर पेन्ट दिवार
    गाय गोबर की लिपाई
    पानी, गोमूत्र और गोबर को तब तक मिलाएं जब तक गाय का गोबर तरल न हो जाए। जहां गोमूत्र वैकल्पिक है।
  2. बाल्टी में कपड़े की सहायता से गाय के गोबर को तरल रूप में निकाल लें।
  3. अब चुने और पानी का मिश्रण बना लें।
  4. छने हुए तरल गाय के गोबर में चूने का मिश्रण मिलाएं।
  5. चूने के मिश्रण और तरल गाय के गोबर को तब तक हिलाएं जब तक कि रंग एक समान न हो जाए।
  6. आप अपना पसंदीदा रंग बनाने के लिए प्राकृतिक रंग मिला सकते हैं, जैसे हल्दी पाउडर।
आपको आश्चर्य हो सकता है कि जब पेंट के लिए चूने का उपयोग किया जाता है तो गाय के गोबर की आवश्यकता क्यों होती है। इसका सही उत्तर सीमेंट में रेत डालने जैसा है। गाय का गोबर चूने की लागत को कम करता है और तापमान के अनुकूल बनता है।

अगर आप डिस्टेंपर या इमल्शन पेंट बनाना चाहते हैं तो उसमें अन्य सामग्री की जरूरत होती है।

  • कैल्शियम कार्बोनेट (caco3):- यह एक सफेद, गंधहीन पाउडर या रंगहीन क्रिस्टल के रूप में होता है। पानी में व्यावहारिक रूप से अघुलनशील। कैल्शियम कार्बोनेट पाउडर का उपयोग एक विस्तारक के रूप में किया जाता है।
  • टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO2):-यह पेंट की सफेदी और अस्पष्टता को नियंत्रित करता है। इसका मतलब इसमे caco3 और गोबर सफेदी और अस्पष्टता छिपाने की क्षमता है। ये गुण टाइटेनियम डाइऑक्साइड मे प्रकाश अपवर्तनांक विशेषता से प्राप्त होता हैं। अपवर्तनांक प्रकाश को मोड़ने और बिखेरने की क्षमता को व्यक्त करता है।
  • बाइंडर्स (Binder): ये ऐसे तत्व हैं जो एक बाध्यकारी प्रभाव प्रदान करते हैं जो सतह पर एक सूखी फिल्म बनाने के लिए पिगमेंट को एक साथ रखता है। Alkyd (एल्केड तेल) आधारित बाइंडर विभिन्न तेलों जैसे अलसी के तेल, तुंग के तेल और सोया तेल से बनाए जाते हैं।
  • हाइड्रॉक्सीएथिल सेलुलोज(HEC):- पेंट में HEC का एक प्रमुख कार्य यह है कि यह उचित गाढ़ापन प्रभाव देता है। यह पेंट के रंग को भी बढ़ाता है, HEC एडिटिव्स लेटेक्स पेंट्स को एक अतिरिक्त रंग प्रदान करता है और निर्माताओं को ग्राहकों के अनुरोधों के आधार पर रंगों को संशोधित करने का लाभ देता है।
  • सोडियम बेंजोएट (Sodium BenZoate):-सोडियम बेंजोएट, या बेंजोइक एसिड को कम सांद्रता में एंटी-स्केलिंग एजेंट और जंग अवरोधक, कोटिंग एडिटिव, विलायक ‌‌व लकड़ी के निर्माण सामग्री मे परिरक्षक के रुप मे प्रयोग किया जाता है।
  • Long DCO Oil (Emulation):- पीलापन और मौसम प्रतिरोध रखता है। मध्यम गुणवत्ता और उच्च गुणवत्ता वाले इनेमल पेंट, रोलर कोटिंग एनामेल, ओवर प्रिंट वार्निश, प्राइमर और ऑफसेट स्याही के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
इनमें Long DCO Oil (Emulation)का उपयोग केवल इमल्शन पेंट बनाने के लिए किया जाता है, बाकी सभी का उपयोग डिस्टेंपर और इम्यूलेशन पेंट दोनों के लिए विशेष अनुपात में किया जाता है।

गोबर पेंट बनाने के उपकरण:- 

  • डबल डिस्क रिफाइनर (Double disk refiner):- रिफाइनर गाय के गोबर से अशुद्धियों या अवांछित सामग्री को निकालने का काम करता है। इस प्रणाली में गाय के गोबर और पानी को एक डिस्क से गुजारा जाता है और उस आउटलेट से लुगदी और तरल गोबर एकत्र किया जाता है जिसका उपयोग पेंट बनाने के लिए किया जाता है।
  • ट्विन शाफ्ट मशीन (Twin Shaft Machine) :- इसका उपयोग उच्च चिपचिपापन सामग्री जैसे सीलेंट, पॉलिएस्टर पुट्टी, कोटिंग्स आदि के निर्माण के लिए किया जाता है। मशीन में एक सर्कल ब्लेड से जुड़ा एक केंद्रीय शाफ्ट होता है जो बर्तन की दीवारों के चारों ओर द्रव्यमान को हिलाता है और मिलाता है। इसको वैक्यूम और हीटिंग के साथ भी संचालित किया जा सकता है।
  • Bead Mill:- यह सूक्ष्म और नैनो स्केल तक कणों को पीसने और फैलाने के लिए उपयोग कि जाती है। इस मिल में नीचे एक घूर्णन ब्लेड होती है जो सामग्री को छोटे कणों में तोड़ देती है।
लघु उद्योग के तहत सरकार द्वारा उपकरण पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। अधिक विवरण के लिये https://msme.gov.in/ पर जाएं।

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