मनुष्य द्वारा पर्यावरण को कई तरह से प्रदूषित किया जाता है लेकिन कुछ नए विचार इस प्रदूषण को कम कर सकते हैं। इन विचारों में निपटान सामग्री (disposal materials) का उपयोग करने का विचार सबसे अच्छा है जो विषाक्त वातावरण को कम करने में मदद करता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि अधिकांश प्रदूषण खाद्य पैकेजिंग या खाद्य पदार्थों परोसने वाले उत्पादों से होता है जो ज्यादातर प्लास्टिक के होते हैं। इसके लिये हमें पारंपरिक उत्पाद का उपयोग करना होगा है जिसका उपयोग प्लास्टिक के आविष्कार से पहले उत्सव, पार्टी और त्योहार के दौरान किया जाता था।
जिसमे कुछ पत्तों का उपयोग कर, कम लागत और कम प्रयास से कटोरे और थाली का निर्माण किया जाता है। जो है :- 1) पलाश 2) सुपारी 3) केला आदि।पलाश पत्ते की थाली |
सुपारी के पत्ते:- पत्तों का आकार 6 से 12 इंच का होता है। जो खाना परोसने के लिए कटोरी और थाली बनाने के लिए सबसे अच्छा है। सुपारी कई रुचिकर सामग्रियों में से एक है जिसके पत्ते प्लास्टिक का विकल्प है। प्रायद्वीपीय भारत में सुपारी के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं। सुपारी पत्ते की थाली को बायो थाली के नाम से भी जाना जाता है। निर्माण प्रक्रिया के दौरान पेड़ों को काटने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। ये थाली खाने का स्वाद नहीं बदलती हैं और आसानी से ठंडा, गर्म और तैलीय खाद्य पदार्थ भी परोसा जा सकता हैं।
कटोरी और थाली को पूर्व-आकार के सांचे में उच्च भार के साथ 40 से 60 डिग्री तापमान मे बनाया जाता हैं।केले का पत्ता |
परन्तु जितनी जल्दी हो सके केले की थाली का उपयोग करने का प्रयास करें, पत्ते फ्रिज में लगभग एक सप्ताह तक, या फ्रीजर में लगभग छह महीने तक अच्छे रहेंगे, यदि पत्ते सूखने से रोकने के लिए प्लास्टिक में कसकर लपेटे जाते हैं।
नोट:- कुछ लोगों का दावा है कि केले के पत्ते की प्लेट को स्व-निर्मित घोल से लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
नोट:- चावल और गन्ने जैसे फाइबर युक्त उत्पादों से फाइबर कि लुगदी बनाकर, थाली का निर्माण किया जाता हैं।
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