Aquaponic farming जलीय जीवो जैसे मछली, झींगे, क्रेफ़िश आदि से की जाती है, जहॉ पर पौधे उगाने के लिए मुख्य 3 तत्वों मिट्टी, पानी, धूप मे से मिट्टी को हटा दिया है।जहॉ पर मिट्टी का मुख्य कार्य पौधों को खनिज और पानी प्रदान करना है, इसे केवल पानी द्वारा ही सन्चय किया जाता है, जो कि पानी के पुन: उपयोग के साथ मल्टीलेवल खेती की अवधारणा को भी परिभाषित करता है।
अब हम मुख्य आवश्यक चीजों के बारे में बात करते हैं।
- जलीय जीव:- ये जलीय खेती (Aquaponic farming) मे पोषक तत्वो को प्रदान करते है, इसके लिए मछली के अपशिष्ट को उपयोग मे लाया जाता है। बिना जलीय जीवो के पोषक तत्वो को बाहर से पानी मे मिलना पङेगा, जो कि Hydroponics farming मे किया जाता है।
Aquaponic farming diagram |
पौधा |
- पानी:- यह एक डाकिया के रूप में काम करता है जो मछली के अपशिष्ट को प्लांट में स्थानांतरित करता है। इस प्रक्रिया में पारंपरिक खेती जैसे बाढ़ सिंचाई और ड्रिप सिंचाई की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है।
- फिल्टर और बैक्टीरिया:- फिल्टर का उपयोग अधिक वजन वाले कचरे को हटाने के लिए किया जाता है, शेष अपशिष्ट छोटे कार्बनिक पदार्थों में विघटित होने के लिए बैक्टीरिया कक्ष में जाता है।
- पौधा:- यह मुख्य रूप से ऐसी सब्जियां हैं जिनका उपयोग सलाद में किया जाता है। यह जड़ौ के माध्यम से पोषक तत्वो को पानी से ग्रहण करते है जो कि ठोस तत्वो को जङो से पकङते है जिससे यह एक natural filter कि तरह काम करते है।
- फ्लोटिंग प्लेट:- प्लेट पानी पर पौधे को तैरने में मदद करती है जिससे पौधे की जड़ पानी मे और पत्तियां हवा में बनी रहती है।
- पंप:- पंप का उपयोग पानी को पंप करने और पानी में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
प्लांट पॉट, पानी की टंकी आदि की आवश्यकता पौधे कि मात्रा पर निर्भर करती है ।
Aquaponic farming के फ़ायदे और नुक़सान:-
इसमे कम पानी की खपत, दोहरी आय के स्रोत, कम भूमि क्षेत्र की आवश्यकता आदि के लिए सबसे अच्छा है। साथ मे इसमे पौधों की वृद्धि भी तेजी से होती है ।लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं, पहला उच्च लागत निवेश, दूसरा पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक बिजली की आवश्यकता और अंत में दैनिक श्रम प्रबंधन ।
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