वर्मीवाश वर्मीकम्पोस्ट का निष्कर्षण है जो केंचुओं और अन्य कीड़ों के मूत्र और मल का मिश्रण होता है। जिसमें कार्बन और नाइट्रोजन यौगिक होते हैं। यदि इसे ठीक से एकत्र किया जाये, तो स्पष्ट और पारदर्शी, हल्के भुरे रंग का तरल होता है।
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वर्मीवाश बेङ |
जब वर्मीकम्पोस्ट प्रक्रिया चल रही होती है, तो केंचुए और अन्य कीड़े छेद बनाते हैं जो ऑक्सीजन और पानी को अपशिष्ट परतों में जाने देते हैं और कार्बोनिक यौगिकों को बनाने में मदद करते हैं जिन्हें आसानी से नीचे से एकत्र किया जा सकता है।
अब आप कुछ उपकरणों और प्रक्रिया की मदद से शुद्ध वर्मीवाश बना सकते हैं। अंतिम परिणाम स्प्रे और ड्रिप सिस्टम में अच्छा होगा। जिसमे
वर्मीवाश के लिए आवश्यक सामग्री:-सामग्री | उपयोग |
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प्लास्टिक पाइप | व्यास 2 से 3 इंच |
3 प्लास्टिक बैरल | वर्मी वाश मात्रा पर निर्भर करता है |
रेत | बैरल आकार का 70% |
कंकड़ | बैरल आकार का 70% |
वर्मी वाश निकालने की प्रक्रिया
- वर्मी बेङ तैयार करें।
- तरल निकालने के लिए एक नाली छोड़ दें।
- एक बैरल मे 70% रेत और दूसरे बैरल मे 70% कंकड़ भरें।
- रेत बैरल शीर्ष को वर्मी बेङ की नाली और तल को कंकड़ बैरल से जोड़े।
- कंकड़ बैरल तल को खाली बैरल में जोड़ें।
- वर्मी बेङ तरल को रेत बैरल तथा कंकड़ बैरल से गुजारें।
- कंकड़ बैरल के बाद खाली प्लास्टिक बैरल मे वर्मी वॉश इकट्ठा करता है।
कैसे इस्तेमाल करे
5% - 10% (वर्मीवाश की शुद्धता पर प्रतिशत में परिवर्तन) वर्मीवाश का उपयोग कीटनाशकों, उर्वरक के रूप में किया जाता है, जिससे मिट्टी की गुणौ में सुधार होता है।
उदाहरण: - 10 लीटर घोल
सामग्री | आवश्यकता |
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वर्मीवाश | 0.5 से 1.0 लीटर |
गोमूत्र (वैकल्पिक) | 1 लीटर |
पानी | गोमूत्र के बिना 9.5 से |
इसमें शामिल है
- एंजाइम, अमीनो एसिड की उच्च मात्रा
- हेटरोट्रॉफ़िक बैक्टीरिया, कवक, नाइट्रोजन फ़िक्सेर्स, फॉस्फेट सॉल्युबलाइज़र सहित एक्टिनोमाइसेट्स
- विटामिन और हार्मोन जैसे साइटोकिनिन, ऑक्सिन, गिबरेलिन आदि
- साथ ही मैक्रो और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का उपयोग पर्ण स्प्रे के रूप में किया जाता है
- घुलनशील नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश
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